जय श्री राम जय श्री राम

सुबह के मंत्र एवं प्रार्थना......


~●सुबह के मंत्र एवं प्रार्थना●~

!! करदर्शनम !!

प्रात: काल उठकर बिस्तर पर बैठकर अपने दोनों हाथों का अवलोकन इस श्लोक को बोलकर करना चाहिए !

कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती !
करमूले तू गोविन्द: (ब्रह्मा:) प्रभाते कर दर्शनम !!

भावार्थ:- हाथ के अगले भाग में लक्ष्मी, मध्य भाग में सरस्वती और मूल भाग में गोविन्द बसते है,इसलिए प्रात: काल उठते ही हाथों का दर्शन करना चाहिए ! ओर साथ ही अपने इष्ट देव का स्मरण करना चाहिए !

!! पृथ्वीमाता की वंदना और क्षमायाचना !!

बिस्तर से जमीन पर पैर रखने से पहले इस श्लोक को बोलकर फिर पैर रखना चाहिए !

समुद्रवसने देवी ! पर्वतस्तनमण्डले !
विष्णुपत्नी ! नमस्तुभ्यम पादस्पर्शम क्षमस्व में !!

भावार्थ:- समुद्ररूपी वस्त्रोवाली, पर्वतरूपी स्तनवाली और विष्णु भगवान की पत्नी हे पृथ्वी देवी ! तुम्हे नमस्कार करता हूँ ! तुम्हे मेरे पैरों का स्पर्श होता है इसलिए क्षमायाचना करता हूँ !

!! गुरु को नमस्कार !!

इन श्लोकों को बोलने के बाद अंत में अपने गुरुदेव का स्मरण करते हुए इस मंत्र को बोलना चाहिए |

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर: !
गुरु: साक्षात्परम ब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नम: !!

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